आयतों में राम हो और छंदों में नाम नबी का हो
जीजस का गुरुद्वारा हो, पंगत एक सभी का हो
एक भारत हो, एक ताकत हो, दिशा एक अनुशाषित हो.
कदम एक सा उठे, चले हम एक लक्ष्य प्रकाशित हो.
चलो फिरसे बनाये एक मिटटी का घरोंदा
लगाए चाँद को छत पर , और तारों से सजाये
कोई रंग भर दो जरा दीवारों पर सतरंगी
आओ विक्टर अब्दुल सिमरन और बजरंगी
चलो फिरसे बनाये एक मिटटी का घरोंदा
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