माँ का आँचल
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माँ का आँचल |
माँ का आँचल - ये शब्द अपने आप में सम्पूर्ण और भावात्मक अभिव्यक्ति है।
माँ के ऊपर लिखी गयी हमारी सभी कविताओं में सर्वश्रेष्ठ कविता है - माँ का आँचल।
यह कविता निश्चय ही हिंदी साहित्य जगत में विशिष्ट साबित होगी।
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माँ का आँचल
तपती धुप भी बेअसर है, ये चीज ऐसा है।
माँ का आँचल बिलकुल मेरी माँ जैसा है।
मैं भागता हूँ दूर तलक, रोटी की खोज में।
उसकी आँखें पूछती है, मेरा हाल कैसा है।
आहट मेरे आने की, जान लेती है मेरी माँ।
दरवाजा मेरे आते ही, खोल देती है मेरी माँ।
सताए लाख मेरे हालात ने, डुबाये कश्तियाँ मेरी।
महफूज़ मेरे होने की, दुआएं करती है मेरी माँ।
मेरी नाकामियों के चर्चे, होते हैं सरे-आम।
बस माँ है की मुझसे नाउम्मीद नहीं होती।
इस डर से डर रहा हूँ, घर से दूर आकर।
क्या बीतेगी माँ पर, जो मुझे सुलाए नहीं सोती।
माँ का आँचल
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